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Aag Mein Ek Aur
Nations of Worship
Aag Mein Ek Aur Nations of Worship
1 Verse: गम में दिल को फज़ल मिला है बांध राहों में खुली एक राह नयी देखूँ जब फांसले अभी मेरा अतीत और जहाँ हूँ अभी जानूं मैं फिर अकेला रहूँगा नहींChorus 1: आग में एक और था संग मेरे खड़ा जिनसे गहरे पानियों में समन्दर रोक रखा भूल जाऊं अगर कभी मैं आज़ाद कैसे हुआ सूली पर मेरे गुनाह लेकर एक और मेरा2 Verse: मेरा क़र्ज़ डूबा समंदर के नीचे मैं तोह पाप का गुलाम रहा अब नहीं गिरूं मैं जो कभी किसी सेहलाब में बचूं या नहीं तब भी दुनिया के आगे झुकूंगा नहीं जानूँ मैं की अकेला रहूँगा नहींChorus 2: आग में एक और था संग मेरे खड़ा जिनसे गहरे पानियों में समन्दर रोक रखा भूल जाऊं गर वह समर्थ जिसने किया आज़ाद वही मृत्युञ्जय की शक्ति मेरे सीने में यहाँBridge: दिखे रोशिनी अंधेरों में अँधेरा झुके यहाँ स्वर्ग गूँज उठे और करीब आये मिठे हर फांसला ये ज़मीन काम्पे पैरों तले सलाखें अब टूटे तेरे मेरे बीच में राह सिर्फ जीत है3 Verse: कोई नाम नहीं है येषु जैसा वही है जो बना रहेगा सर्वदा फिर चाहे कोई मेरे साथ न रहे है यकीं मुझे जानूं मैं की अकेला रहूँगा नहींChorus 3: आग में एक होगा संग मेरे खड़ा जो गहरे पानियों में समन्दर रोकेगा भूल जाऊं अगर कभी में तू कितना है भला संघर्ष में ख़ुशी पाउन तू रहेगा वहां आग में एक और है आग में एक और है आग में एक और
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